Check Bounce Case : अगर आप किसी को चेक देते हैं तो अब और ज्यादा सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने चेक बाउंस से जुड़ी बड़ी कार्रवाई का ऐलान कर दिया है। नया नियम 13 जुलाई 2025 से पूरे देश में लागू हो गया है, और इसका सीधा असर आम आदमी, व्यापारी, कंपनियों और बैंकों पर पड़ेगा।
चेक बाउंस से जुड़ी हिंदी खबरें?
आरबीआई के द्वारा चेक बाउंस से जुड़ी मामलों को लेकर नया फैसला जारी किया है। जो सभी लोग को जान लेना बेहद जरूरी होगा हाल ही में देश के एक हाई कोर्ट ने इस विषय पर एक बड़ा और राहत देने वाला फैसला सुनाया। जिससे लाखों लोगों की चेक बाउंस समस्या से जूझ रहे थे उन्हें अब न्याय पाना बहुत ही सरल हो गया है। और चेक बाउंस से जुड़ी आरबीआई के द्वारा हम बातें कही गई है जो आप सभी को जान लेना बेहद जरूरी है।
क्या है RBI का नया फैसला?
RBI ने साफ कर दिया है कि अगर किसी खाते से बार-बार चेक बाउंस होते हैं, तो उस ग्राहक पर बैंकिंग सुविधाओं में प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके तहत:
- तीन बार चेक बाउंस होने पर खाते पर निगरानी (watchlist) लगाई जाएगी।
- बार-बार उल्लंघन पर डेबिट फ्रीज यानी निकासी पर रोक लग सकती है।
- बैंक ऐसे खाताधारकों को लो रिस्क से हाई रिस्क ग्राहक की कैटेगरी में डाल देंगे।
- बैंक अब ऐसे मामलों की रिपोर्ट सीधे RBI के सेंट्रल डेटाबेस में करेंगे।
ये नियम क्यों लाया गया है?
पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि लोग जानबूझकर चेक जारी कर देते हैं जबकि उनके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता। इससे न सिर्फ सामने वाले को नुकसान होता है, बल्कि भरोसे की बैंकिंग व्यवस्था भी प्रभावित होती है।
RBI का मानना है कि इस तरह की धोखाधड़ी को रोकना बेहद जरूरी है, इसलिए अब इस पर सख्त नजर रखी जाएगी।
किन लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा?
- वे लोग जो बिजनेस लेनदेन में चेक का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
- छोटे व्यापारी, किराना दुकानदार, एजेंट्स आदि जो पोस्ट-डेटेड चेक देते हैं।
- बिल्डर, ब्रोकर या किराया देने वाले जो चेक से भुगतान करते हैं।
- बार-बार चेक से उधारी करने वाले।
बैंक क्या करेगा अब?
1. अगर किसी का चेक बाउंस होता है तो बैंक अब सिर्फ SMS नहीं भेजेगा, बल्कि आधिकारिक चेतावनी पत्र (warning notice) देगा।
2. लगातार बाउंस होने पर सावधि जमा, ओवरड्राफ्ट, और लोन सुविधाएं सीमित की जा सकती हैं।
3. गंभीर मामलों में क्रेडिट स्कोर भी गिर सकता है, जिससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल होगा।
RBI का सख्त सुझाव
चेक एक कानूनी दायित्व है जानबूझकर चेक बाउंस करना न केवल अवैध है बल्कि वित्तीय प्रणाली के लिए झुकी भी है। अब इसे कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा।
नए नियम के बाद क्या करें?
- चेक देने से पहले खाते में पूरा बैलेंस सुनिश्चित करें।
- पोस्ट-डेटेड चेक से बचें अगर राशि अनिश्चित हो।
- अगर गलती से चेक बाउंस हुआ है तो तुरंत संबंधित व्यक्ति से बात करके भुगतान करें।
- बैंक की चेतावनी को हल्के में न लें – समय रहते सुधार करें।
निष्कर्ष
RBI का यह कदम साफ संदेश देता है – अब लेनदेन में अनुशासन जरूरी है। चेक बाउंस को मामूली भूल समझने वाले लोगों को अब सतर्क हो जाना चाहिए। चाहे आप आम ग्राहक हों या बिजनेस मैन, अब हर चेक एक जिम्मेदारी है, और लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई तय है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों, समाचार रिपोर्ट्स और सामान्य बैंकिंग नीतियों पर आधारित है। किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई, सलाह या निर्णय लेने से पहले संबंधित प्राधिकरण या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। RBI के नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।